DENTAL INFECTIONS-CARE AND TREATMENT

 DENTAL INFECTIONS-CARE AND TREATMENT


 दाँत मानव शरीर एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण भाग हैं किन्तु एक अंजान मनोवैज्ञानिक कारण है कि किसी भी व्यक्ति के द्वारा दाँतो की देखभाल या उनकी चिकित्षा को कभी भी प्राथमिकता के स्तर पर तब तक नहीं लिया जाता है जब तक किसी संक्रमण के कारन उनमें होने वाली पीड़ा या तो असहनीय न हो जाए अथवा जीवन की दैनिक गतिविधियों को काफी विशेष रूप से प्रभावित न करने लग जाए।

       दाँत मानव शरीर का  वो हिस्सा हैं जो अधिकांशत किसी भी व्यक्ति की सुन्दरता के मानक पर सबसे पहले  देखे जाते हैं और उस व्यक्ति के चाहें वो कोई स्त्री हो या पुरुष हो उसके सम्पूर्ण सौंदर्य और व्यक्तित्व को शत प्रतिशत  प्रभावित करते हैं वर्तमान समय में जब सभी लोग एक प्रतिस्पर्धी जीवन जी रहे हैं लोगों को न तो सही से खाना खाने का समय मिल पा रहा है और न ही सही खाना, तो ऐसी स्तिथि में शरीर के अन्य भागों के साथ साथ दाँतो में भी संक्रमण के काफी सारे मामले देखने को मिल रहे हैं परंतु हम लोग कभी भी दाँतो की देखभाल को न तो प्राथमिकता देते हैं और न ही किसी भी संक्रमण के शुरुआती लक्षण मिलने की स्तिथि में भी एक दंतचिकित्सक से तब तक परामर्श नहीं लेते जब तक कि या तो दर्द बर्दाश्त से बाहर की स्तिथि में न पहुँच जाये 

            दाँतो के संक्रमण के कारन न केवल दाँतो या मुख से सम्बंधित बीमारियाँ होती हैं वरन इनके संक्रमण के कारन कई सारे अन्य शारीरिक विकार भी उत्पन्न होते हैं  जो व्यक्ति के शरीर के अन्य भागों पर भी प्रभाव डालते हैं तथा उनके खराब होने का कारण बनते है।

दन्त चिकितसा की विशिस्ट शाखाएं और उनके विषेशज्ञ:-------

वर्तमान समय में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में भी नित्य नये नये आयाम स्थापित हो रहे हैं और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में आज के समय में विभिन्न प्रकार की बीमारियों या विकृतियों के इलाज के लिये  इसकी  अलग-अलग शाखाओं में निपुण चिक्त्सक भी काफी सहजता से उपलबध हो रहें हैं जैसे कि  ओरल मैक्सिकोफेसियल सर्जन, पैरियोदोंन्टिस्ट,एंडोडोंसिट, ओर्थॉडोंटिस्ट एवं डेंटल कॉस्मॉटौलोजिस्ट आदि । ये सभी चिक्तिसक अपने अपने दंत चिकित्सा के  बिषयो में पारंगत एवं निपुण होते हैं तथा मरीज़ की समस्या का संतोषजनक समाधान प्रदान करते हैं ।


दन्त चिकितसा  में आधुनिक इलाज पद्धितियाँ:----

आज दंत चिकित्सा के क्षेत्र में भी ऐसी तकनीकें मौजूद हैं जिनके द्वारा  न केवल किसी के दाँतो को एक अच्छा आकार दिया जा सकता है बल्कि इलाज से पूर्व ये भी तय किया जा सकता है कि दाँतो को नया आकार देने के बाद व्यक्ति की मुस्कुराहट कितनी आकर्षक होगी या प्रभावशाली होगी। 


दंत चिकित्सक और  दाँतो के आभूषण:--------

वर्तमान समय में एक दन्त चिकित्षक की भूमिका केवल दाँतो का इलाज़ करने तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि आज के समय में दन्त चिकित्षक लोगों की मांग पर उनके दाँतों में आभूषणों को भी स्थापित करते हैं जिससे की दाँतो को और अधिक सुन्दर बनाया जा सके। 

जागरुकता की आवशयकता :---------

आज एक बड़े स्तर पर लोगों को सामजिक रूप से दाँतो की देखभाल और उनके इलाज के   सम्बन्ध में जागरूक  करने की  आवश्यकता है है जैसे कि सामजिक  संसथाओं के माध्यम से लोगों को दाँतो के संक्रमण के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में जागरूक किया जाये,  दंत चिकित्सा पर आधारित कुछ कार्यशालओं का विधिवत आयोजन किया जाये जिससे कि कोई भी व्यक्ति अपने दाँतो या मुँह के अन्दर किसी भी प्रकार के संक्रमण के लक्षणों को देखकर या महसूस करकर तुरंत दंत चिकित्सक से सम्पर्क कर सके और संक्रमण के प्रारम्भिक चरण में ही उसका इलाज कराकर भविष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों से बच सके ।


दंत चिकित्सकों का सामाजिक उत्तरदायित्व:----दंत चिकिसकों को भी एक सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुये अपने अपने स्तर से विभिन्न समुदायों के बीच इस प्रकार के कार्यक्रमों या दंत चिकित्सा की कार्यशालाओं का आयोजन करना चाहिए जिससे कि कोई भी व्यक्ति जो जागरुकता के अभाव में ये नहीं जानता कि उसके खराब बेडौल या टेड़े मेंडे दाँतो को भी उचित आकार दिया जा सकता है और तो और डेंटल कॉस्मॉटौलोज़ी के द्वारा वो उन्हे कोई और मन चाहा रूप भी दे सकते हैं तो ऐसी स्तिथि में चिकित्सक समुदाय के द्वारा उठाये गये ऐसे कदमों से निश्चय ही समाज में एक जागरुकता आयेगी और लोग सजगता पूर्वक अपनी दंत विकृतियों का इलाज़ कराने बेझिझक दंत चिकित्सकों से सपर्क करेंगे।


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें